पहला प्यार...पहला अहसास




शाम को फोन की घंटी बजी और अनु ने देखा    ..... आकाश का फोन था, बिना देर किये उसने फोन उठा लिया फिर आकाश ने कहा मै  अभी रायपुर  में हूँ , कल मिल सकते है क्या |  अनु मन ही मन खुश तो बहुत  हुई, पर कुछ बोल न पा  रही थी कुछ देर अपने को सम्हालने और लम्बी साँस लेने के बाद उसने हाँ  में उत्तर दिया | पर अनु अंदर से डरी हुई थी क्योकि यह उन दोनों की पहली मुलाकात थी। 

                         दोनों पहले फेसबुक दोस्त  बने फिर बात धीरे धीरे आगे  बढ़ी, और मोबाईल  नंबर एक दूसरे को दिया , प्यार भी खुमार चढ़ने लगा था , अनु को आकाश से बात करके बहुत ख़ुशी मिलती थी।  हर छोटी से छोटी बात  आकाश को बताने लगी थी और फिर कल मिलना है यह सोच कर  मन  ही मन खुश हो रही थी। रात  भर नींद नहीं आई ,कब सुबह हुआ पता ही नहीं चला | फिर कश्मकश में यही सोचते हुए की क्या पह्नु जो आकाश को पसंद आये , कब 9 बज गये  पता ही नहीं चला। फिर बहुत समझने के बाद एक सफ़ेद और रेड सूट पहन कर तैयार हो गयी। 

                                         10 बजे मिलने के लिए बेसब्री से अनु रोड में आकाश का इंतजार करने लगी, करीब 10 बजकर २० मिनट  में आकाश पहुंचा , अनु मन हि मन बहुत गुस्सा हो रही थी पर आकाश को सामने देख कर गुस्सा करना भूल गयी।  आकाश ने भी सफ़ेद रंग का ही शर्ट पहन रखा था।  अनु को  अच्छा  लगा ,पहली मुलाकात जो थी दोनों कुछ बोल नहीं पा  रहे थे  फिर धीरे से आकाश ने  आँखों से इशारा किया की जल्दी से मेरे बाइक बैठ जाओ, हम यहाँ से कही दूर चलते है।  आकाश को अनु की आँखे बाइक की मिरर में दिख रही थी जिसे देख कर आकाश बार बार तारीफ किये जा रहा था। जिसे सुन कर अनु खुश हो रही थी।  

                                                               फिर दोनों एक गार्डन में पहुंचे उस समय हल्की हल्की बारिश हो रही थी मौसम बहुत अच्छा और हवाओ में नमी थी जो की हल्का ठण्ड का अहसास  दिला रही थी।  या यु कहे की मौसम पूरा आशिकाना हो रहा था। 
  
                 दोनों को कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या बोले बस  आँखों में देख कर मुस्कुरा पड़ते थे  , फोन में तो कितना बात करते थे रात कैसे बातो में बित जाती थी पता ही नहीं चलता था। 
लेकिन जब पास थे तो दोनों के पास कुछ शब्द ही नहीं थे ऐसा लग रहा था जैसे चारो तरफ शांति है।  अनु रात भर यही सोचती रही की आकाश से मिलके वह बहुत बात करेगी लेकिन जब  वह सामने है तो दोनों मौन थे समझ नहीं आ रहा था क्या बात करे। 
 
                फिर अचानक अनु का फोन  बज उठा उसमे नाम आकाश का दिख रहा था वह एकदम से डर गयी क्योकि पहली बार आकाश को फोटो से बाहर  सामने देख रही थी |   लेकिन थोड़ी देर में वो शांत हो जाती क्योकि वो आकाश यही आकाश था। उसके मोबाइल से गलती से फोन लग गया था। तभी अनु की नजर आकाश के मोटे  कलाई पर पड़ती है जिसमे आकाश ने ब्लैक डायल वाली घडी पहन रखी थी अनु को  आकाश का हाथ बहुत  ही खूबसूरत लगा वह उस हाथ को तुरंत पकड़ना चाहती थी, पर पकड़ न सकी वैसे भी प्यार में हर चीज खूबसूरत प्यारा और दिल के करीब लगता है। 

                      दोनों अब बाते करने लगे आकाश अपनी पढाई आदि के बारे में बताने लगता है पहली मुलाकात में अनु बहुत दूर का सोच रही थी। अनु का इन सब बातो में कोई ध्यान नहीं था सच्चा प्यार जो था।  बाते  करते करते समय का  कुछ ध्यान ही नहीं रहा घर  जाने का समय हो गया, पर जाने का बिलकुल मन नहीं कर  रहा था। 

                             घर आने के बाद भी अनु ,अभी भी आकाश को ही याद कर  रही थी। एक प्यारी सी तितली पानी में डूब रही थी कैसे आकाश ने उसे उठाया और सूखे जगह में रख दिया यह सब देख के बहुत अच्छा लग रहा था कितना प्यार है इस हरकत आदत में........ 

                      आकाश और अनु की पहली मुलाकात बहुत ही अच्छा था वह खुश थी। ऐसा लग रहा था तलाश अब ख़त्म हो गयी है मिल गया जो आनु को चाहिए था या जो आनु लिए बना है। 

                     लोग कहते है फेसबुक में मिला प्यार, कभी अच्छा  नहीं होता लेकिन अनु के साथ ऐसा नहीं था, बिलकुल भी नहीं था। .... क्योकि उसका प्यार सच्चा था। 
                

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